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"ऐसा समय / मंगलेश डबराल" के अवतरणों में अंतर

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बहरा बेघर पागल ।
 
बहरा बेघर पागल ।

22:48, 29 दिसम्बर 2007 का अवतरण


जिन्हें दिखता नहीं

उन्हें कोई रास्ता नहीं सूझता

जो लंगड़े हैं वे कहीं नहीं पहुँच पाते

जो बहरे हैं वे जीवन की आहट नहीं सुन पाते

बेघर कोई घर नहीं बनाते

जो पागल हैं वे जान नहीं पाते

कि उन्हें क्या चाहिए


यह ऎसा समय है

जब कोई हो जा सकता है अंधा लंगड़ा

बहरा बेघर पागल ।


(1992)