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"सूर्य-ग्रहण : 2 / अरुण कमल" के अवतरणों में अंतर

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01:07, 25 अप्रैल 2008 का अवतरण


धीरे-धीरे हो गया सर्वग्रास

पर एक काला गोल पिण्ड

रहा दीप्त

विराजता पूरे आकाश में--

ग्रहण के बावजूद सूर्य ही रहा सूर्य

ग्रहण के बावजूद सूर्य ही होता है सूर्य !