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तुमने क्या नहीं देखा / ठाकुरप्रसाद सिंह
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07:45, 28 फ़रवरी 2011
नहीं, मुझे पहचाना
धूल भरी
आंधी
आँधी
में
जानोगे तब जब
कुहरे-सी घिर
जाऊंगी
जाऊँगी
मैं क्या हूँ मौसम
जो बार-बार
आऊंगी
आऊँगी
!
</poem>
अनिल जनविजय
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