भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"तलाश / वाज़दा ख़ान" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वाज़दा ख़ान |संग्रह=जिस तरह घुलती है काया / वाज़…)
 
(कोई अंतर नहीं)

23:03, 2 मार्च 2011 के समय का अवतरण

सहमा सूरज
सहमा आसमाँ

सहमी राहें
सहमे सपने

सहमे दुख
सहमे पल

सहमी ख़्वाहिशें
सहमी ज़िंदगी

सदियों से
जड़ पाने की तलाश में ।