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"देखो कि / भवानीप्रसाद मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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23:44, 5 मार्च 2011 के समय का अवतरण

रात को
दिन को
अकेले में और मेले में

तुम
गुनगुनाते रहना
क्योंकि देखो

गुनगुना रही हैं
वहाँ मधुमक्खियाँ
नीम के फूलों को चूसते हुए

और महक रहे हैं
नीम के फूल ज़्यादा-ज़्यादा
देकर मधुमक्खियों को रस !