भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"नैन मिले अनमोल / शतदल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शतदल |संग्रह= }} {{KKCatNavgeet}} <poem> जोगन, नैन मिले अनमोल, ओस …)
(कोई अंतर नहीं)

14:52, 25 मार्च 2011 का अवतरण

जोगन, नैन मिले अनमोल,
ओस कनों से कोमल सपने
पलकों-पलकों तौल !
जोगन, नैन मिले अनमोल !

इन सपनों की बात निराली,
दिन-दिन होली, रात दिवाली ।

इनसे माँग नदी-झरनों के
मीठे-मीठे बोल !
जोगन, नैन मिले अनमोल !

सपनों का क्या ठौर-ठिकाना,
जाने कब आना, कब जाना ।

नयन झरोखों से तू अपनी
दुनिया में रस घोल,
जोगन, नैन मिले अनमोल ।
</poem