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"तेरे दर से उठकर / ख़ुमार बाराबंकवी" के अवतरणों में अंतर

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तेरे दर से उठकर जिधर जाऊ मैं
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तेरे दर से उठकर जिधर जाऊं मैं
चलू दो कदम और ठहर जाऊ मैं
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चलूँ दो कदम और ठहर जाऊं मैं
  
 
अगर तू ख़फा हो तो परवा नहीं
 
अगर तू ख़फा हो तो परवा नहीं
तेरा गम ख़फा हो तो मर जा मैं
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तेरा गम ख़फा हो तो मर जाऊं मैं
  
 
तब्बसुम ने इतना डसा है मुझे
 
तब्बसुम ने इतना डसा है मुझे
कली मुस्कुराए तो डर जा मैं
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कली मुस्कुराए तो डर जाऊं मैं
  
सम्भाले तो हूँ खुदको तुझ बिन  
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सम्भाले तो हूँ खुदको, तुझ बिन मगर
जो छू ले कोई तो बिखर जा मैं
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जो छू ले कोई तो बिखर जाऊं मैं
  
 
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20:16, 31 मार्च 2011 का अवतरण

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तेरे दर से उठकर जिधर जाऊं मैं
चलूँ दो कदम और ठहर जाऊं मैं

अगर तू ख़फा हो तो परवा नहीं
तेरा गम ख़फा हो तो मर जाऊं मैं

तब्बसुम ने इतना डसा है मुझे
कली मुस्कुराए तो डर जाऊं मैं

सम्भाले तो हूँ खुदको, तुझ बिन मगर
जो छू ले कोई तो बिखर जाऊं मैं