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"हे राम ! / रामकुमार कृषक" के अवतरणों में अंतर

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19:36, 13 अप्रैल 2011 का अवतरण

तुम्हारे नाम की हो रही है लूट

हे राम !

तुम्हारे नाम को जप रहा है झूठ

हे राम !

तुम्हारे नाम से भर रहे हैं कुछ पेट

हे राम !

तुम्हारे नाम पर ठग रहे हैं सेठ

हे राम !

तुम्हारे नाम पर सजे हैं बाज़ार

हे राम !

तुम्हारे नाम पर डाकू भी संत हुए

हे राम !

तुम्हारे नाम की महिमा अनंत है

हे राम !