भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अठन्नी / संतोष अलेक्स" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 24: | पंक्ति 24: | ||
नहीं, अब मैं इसे कहीं खर्च नहीं करूँगा | नहीं, अब मैं इसे कहीं खर्च नहीं करूँगा | ||
अठन्नी की असली कीमत जानता हूँ मैं | अठन्नी की असली कीमत जानता हूँ मैं | ||
+ | |||
+ | '''अनुवाद : अनिल जनविजय''' | ||
</poem> | </poem> |
20:04, 15 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
सब्ज़ी वाले ने जो चिल्लर लौटाई
एक अठन्नी भी थी उसमें
वैसी ही अठन्नी
जैसी अम्मा ने दी थी मुझे
विष्णु पर चढ़ाने को
मुझे याद आया कि
उस अठन्नी को लेकर भागा था मैं
खरीदने मिठाई
आज अठन्नी कोई नहीं लेता
भिखारी भी
कैमिस्ट भी लौटाते हैं अठन्नी की जगह
बस, एक टॉफ़ी
नहीं, अब मैं इसे कहीं खर्च नहीं करूँगा
अठन्नी की असली कीमत जानता हूँ मैं
अनुवाद : अनिल जनविजय