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"कृष्ण करो जजमान / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर

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कृष्ण करो जजमान॥ प्रभु तुम॥ध्रु०॥
 
कृष्ण करो जजमान॥ प्रभु तुम॥ध्रु०॥
 
जाकी किरत बेद बखानत। सांखी देत पुरान॥ प्रभु०२॥
 
जाकी किरत बेद बखानत। सांखी देत पुरान॥ प्रभु०२॥

19:55, 18 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

कृष्ण करो जजमान॥ प्रभु तुम॥ध्रु०॥
जाकी किरत बेद बखानत। सांखी देत पुरान॥ प्रभु०२॥
मोर मुकुट पीतांबर सोभत। कुंडल झळकत कान॥ प्रभु०३॥
मीराके प्रभू गिरिधर नागर। दे दरशनको दान॥ प्रभु०४॥