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"खेलत फाग सुहाग भरी / रसखान" के अवतरणों में अंतर
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खेलत फाग सुहाग भरी, अनुरागहिं लालन क धरि कै । | खेलत फाग सुहाग भरी, अनुरागहिं लालन क धरि कै । |
20:05, 18 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
खेलत फाग सुहाग भरी, अनुरागहिं लालन क धरि कै ।
भारत कुंकुम, केसर की पिचकारिन में रंग को भरि कै ॥
गेरत लाल गुलाल लली, मनमोहन मौज मिटा करि कै ।
जात चली रसखान अली, मदमस्त मनी मन कों हरि कै ॥