भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कुंजबनमों गोपाल राधे / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीराबाई }} <poem> कुंजबनमों गोपाल राधे॥ध्रु०॥ मोर म...)
 
 
पंक्ति 2: पंक्ति 2:
 
{{KKRachna
 
{{KKRachna
 
|रचनाकार=मीराबाई
 
|रचनाकार=मीराबाई
}}  
+
}} {{KKCatKavita}}
 +
{{KKAnthologyKrushn}}
 
<poem>
 
<poem>
 
कुंजबनमों गोपाल राधे॥ध्रु०॥
 
कुंजबनमों गोपाल राधे॥ध्रु०॥

20:11, 18 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

कुंजबनमों गोपाल राधे॥ध्रु०॥
मोर मुकुट पीतांबर शोभे। नीरखत शाम तमाल॥१॥
ग्वालबाल रुचित चारु मंडला। वाजत बनसी रसाळ॥२॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरनपर मन चिरकाल॥३॥