गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
तू / ओएनवी कुरुप
3 bytes added
,
19:42, 22 अप्रैल 2011
यहाँ पहुँचते वसंत की जीभ को
तूने उखाड़ दिया और
चिडियों
चिड़ियों
के चोंच से
कोई आवाज़ नहीं निकलती
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,118
edits