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19:00, 23 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण
आज बग़ावत सच कहना
मेरी फ़ितरत सच कहना
कैसे बोले झूठ भला
जिसकी आदत सच कहना
आप बचे हैं कहने को
आप तो हज़रत सच कहना
गर उसको अल्फ़ाज़ मिलें
उसकी हसरत सच कहना
चुप रहना मर जाना है
और क़यामत सच कहना !