भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"नज़दीक या दूरी में / ज़्देन्येक वागनेर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नयी कविता)
 
छो (गलती)
पंक्ति 44: पंक्ति 44:
 
Dvě duše zasněné
 
Dvě duše zasněné
 
denně se potkají
 
denně se potkají
však oči zasněné
+
však oči zmámené
 
vůbec se neznají
 
vůbec se neznají
  

22:35, 15 मई 2011 का अवतरण


जो नज़दीक होता है
वह दूर हो सकता है
जो दूर ही होता है
वह पास हो सकता है

स्वप्निल दिल हृदय से
रोज़ मिला करता है
परन्तु चार आँखें
कुछ नहीं देखती हैं

दोनों दिल सपनों में
सफ़र कर रहे हैं
साथ साथ वे आसमान में
हर रात को उड़ते हैं

आता है सवेरा
मरता है अंधेरा
जागता है नया दिल
उदास हैं दोनों दिल

बड़ी तो दूरी में
प्यारा दिल रहता है
और मैं रोज़ पूछता हूँ
कि आज कहाँ है तू


मैंने इस कविता को हिंदी में ही लिखा है। अब यहाँ उसका चेक भाषा में अनुवाद पढ़ें


Blizoučké dálavy

Co blízké vypadá
v dálce se propadá
co v dáli mizí již
zítra snad bude blíž

Dvě duše zasněné
denně se potkají
však oči zmámené
vůbec se neznají

Dvě srdce tajný sen
na cestu pohání
na nebi nočním jen
těší se z létání

Jitro se otvírá
temnota umírá
nový den vstává již
srdce jsou smutku blíž

V nesmírné dálavě
rozmilé srdce dlí
a tak se ptám právě
kdepak jsi dneska ty



रचनाकार की टिप्पणी
इस कविता में एक खास सुंदरता है। हिंदी छंद में रोज़ मिला शब्द
मौजूद हैं। चेक भाषा में rozmilá शब्द है जिसका मतलब है प्यारी
चेक छंद में rozmilé शब्द है जिसका उच्चारण है रोज़मिले
(चेक भाषा में तीन लिंग और सात कारक होते हैं)