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12:20, 6 जून 2011 के समय का अवतरण
बच्चे
देखते-देखते ही
समझदार हो जाते हैं
बच्चे दुखी होते हैं
अपनी पैदाइश पर,
असमर्थ बाप पर, कमज़ोर माँ पर,
दोहरी व्यवस्था पर
किसी दिन अचानक
वे दुनिया के खोखलेपन के खिलाफ़
अपने हाथ ऊपर उठा देते हैं ।