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"बड़ा / नील कमल" के अवतरणों में अंतर

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मनुष्य बड़ा है
 
मनुष्य बड़ा है
ब्राहृाण्ड से भी बड़ा ।
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ब्रह्माण्ड से भी बड़ा ।
 
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14:11, 6 जून 2011 के समय का अवतरण

कोई नहीं मानेगा
कि आकाश समा सकता है
दो आँखो में ।

कोई नहीं मानेगा
कि पाताल की गहराई है
हृदय के भीतर ।

यह एक पृथ्वी, कंधे से नीचे
फैलती हुई सीने पर
यक़ीन दिलाएगी,

मनुष्य बड़ा है
ब्रह्माण्ड से भी बड़ा ।