भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"गीतावली अरण्यकाण्ड पद 20 से 25/पृष्ठ 4" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तुलसीदास |संग्रह= गीतावली/ तुलसीदास }} {{KKCatKavita}} [[Category…)
 
 
पंक्ति 7: पंक्ति 7:
 
[[Category:लम्बी रचना]]
 
[[Category:लम्बी रचना]]
 
{{KKPageNavigation
 
{{KKPageNavigation
|पीछे=गीतावली अरण्यकाण्ड पद 20 से 25/पृष्ठ 1
+
|पीछे=गीतावली अरण्यकाण्ड पद 20 से 25/पृष्ठ 3
|आगे=गीतावली अरण्यकाण्ड पद 20 से 25/पृष्ठ 3
+
|आगे=गीतावली अरण्यकाण्ड पद 20 से 25/पृष्ठ 5
 
|सारणी=गीतावली/ तुलसीदास / पृष्ठ 23
 
|सारणी=गीतावली/ तुलसीदास / पृष्ठ 23
 
}}
 
}}

18:40, 8 जून 2011 के समय का अवतरण

(17) (5)

सुमन बरषि, हरषे सुर, मुनि मुदित सराहि सिहात |
"केहि रुचि केहि छुधा सानुज माँगि माँगि प्रभु खात ||

प्रभु खात माँगत देति सबरी, राम भोगी जागके |
पुलकत प्रसंसत सिद्ध-सिव-सनकादि भाजन भागके ||

बालक सुमित्रा कौसिलाके पाहुने फल-सागके |
सुनि समुझि तुलसी जानु रामहि बस अमल अनुरागके ||