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प्यार यों तो सभी से मिलता है / गुलाब खंडेलवाल
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20:44, 1 जुलाई 2011
प्यार यों तो सभी से मिलता है
दिल नहीं हर
किसी से
किसीसे
मिलता है
हम सुरों में सजा रहे हैं उसे
यों तो नज़रें चुरा रहा है कोई
प्यार भी
बेरुखी
बेरुख़ी
से मिलता है
क्या हुआ मिल लिए अगर हम तुम!
Vibhajhalani
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