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सारी दुनिया पे कहर ढा देना
खूब ख़ूब था तेरा मुस्कुरा देना
सैंकडों छेद हैं इसमें मालिक!
आख़िरी वक्त देख तो लें गुलाब
रुख रुख़ से परदा ज़रा हटा देना
<poem>
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