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जान उन पर लुटाके बैठ गए / गुलाब खंडेलवाल
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20:23, 6 जुलाई 2011
जान उन पर लुटाके बैठ गए
हम भी उस दर पे
जा के
जाके
बैठ गए
लाख तूफ़ान उठ रहे थे, मगर
हम ज़रा छाँव पाके बैठ गए
लीजिये मूँद
ली
लीं
आँखें हमने
आप क्यों मुँह फिराके बैठ गए!
Vibhajhalani
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