Changes

फिर भी जो अनकहा था वह पलकें झुकाके कह गए
काँटों भरे काँटोंभरे गुलाब को कोई बड़ा बताये क्यों
माना कि बात वह भी कुछ, ख़ुशबू उड़ाके कह गए
<poem>
2,913
edits