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ज़िन्दगी मरने से घबराती भी है / गुलाब खंडेलवाल
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21:35, 6 जुलाई 2011
ज़िन्दगी मरने से घबराती भी है
चढ़के शोलों
पे
पर
कभी गाती भी है
बेसुधी रुकने नहीं देती हमें
Vibhajhalani
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