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"स्त्री पूजन / माया मृग" के अवतरणों में अंतर
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13:45, 20 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
आंखों में सपने मत पालो
हाथों में उम्मीद मत थामो
पैरों से मंजिल का रास्ता मत नापो
दिल से महसूस मत करो
जुबान से सवाल मत करो
होठों पर हंसी ना आने पाये
देह में कामना न रहे
दिमाग में मुक्ति का विचार ना हो
तुम खुश रहो स्त्री
यत्र नार्यस्तु पूज्यते....