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− | |विविध= भारत सरकार द्वारा 'पद्म-श्री' से सम्मानित। 'लीलटांस' के लिए राजस्थानी में साहित्य अकादेमी, 'सबद' काव्य-संग्रह के लिए राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर द्वारा सर्वोच्च पुरस्कार के अलावा ज्ञानपीठ के मूर्तिदेवी सहित अनेक मान-सम्मान और पुरस्कारों से पुरस्कृत महाकवि के रूप में राजस्थानी के कालजयी कवि । | + | |विविध= भारत सरकार द्वारा 'पद्म-श्री' से सम्मानित। 'लीलटांस' के लिए राजस्थानी में साहित्य अकादेमी, 'सबद' काव्य-संग्रह के लिए राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर द्वारा सर्वोच्च पुरस्कार के अलावा ज्ञानपीठ के मूर्तिदेवी सहित अनेक मान-सम्मान और पुरस्कारों से पुरस्कृत महाकवि के रूप में राजस्थानी के कालजयी कवि । |
+ | '''कन्हैयालाल सेठिया समग्र''' का चार खण्डों में प्रकाशन श्री जुगलकिशोर जैथलिया के संम्पादन में हो चुका है। | ||
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कन्हैया लाल सेठिया
जन्म | 11 सितंबर 1919 |
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निधन | 11 नवंबर 2008 |
जन्म स्थान | सुजानगढ़ (राजस्थान) |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
हिंदी वनफूल, अग्णिवीणा, मेरा युग, दीप किरण, प्रतिबिम्ब, आज हिमालय बोला, खुली खिड़कियां चौड़े रास्ते, प्रणाम, मर्म, अनाम, निर्ग्रन्थ, स्वागत, देह-विदेह, आकाशा गंगा, वामन विराट, श्रेयस, निष्पति एवं त्रयी
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विविध | |
भारत सरकार द्वारा 'पद्म-श्री' से सम्मानित। 'लीलटांस' के लिए राजस्थानी में साहित्य अकादेमी, 'सबद' काव्य-संग्रह के लिए राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर द्वारा सर्वोच्च पुरस्कार के अलावा ज्ञानपीठ के मूर्तिदेवी सहित अनेक मान-सम्मान और पुरस्कारों से पुरस्कृत महाकवि के रूप में राजस्थानी के कालजयी कवि ।
कन्हैयालाल सेठिया समग्र का चार खण्डों में प्रकाशन श्री जुगलकिशोर जैथलिया के संम्पादन में हो चुका है। | |
जीवन परिचय | |
कन्हैया लाल सेठिया / परिचय |
राजस्थानी कविता-संग्रह
- रमणियां रा सोरठा / कन्हैया लाल सेठिया
- गळगचिया / कन्हैया लाल सेठिया
- मींझर / कन्हैया लाल सेठिया
- कूं-कूं / कन्हैया लाल सेठिया
- लीलटांस / कन्हैया लाल सेठिया
- धर कूंचा धर मंजलां / कन्हैया लाल सेठिया
- मायड़ रो हेलो / कन्हैया लाल सेठिया
- सबद / कन्हैया लाल सेठिया
- सतवाणी / कन्हैया लाल सेठिया
- अघरीकाळ / कन्हैया लाल सेठिया
- दीठ / कन्हैया लाल सेठिया
- क-क्को कोड रो / कन्हैया लाल सेठिया
- लीकलकोळिया / कन्हैया लाल सेठिया
- हेमाणी / कन्हैया लाल सेठिया
हिन्दी में लिखी कविताएँ
- जागो, जीवन के अभिमानी ! / कन्हैया लाल सेठिया
- देख आज मेवाड़ मही को / कन्हैया लाल सेठिया
- कुँआरी मुट्ठी ! / कन्हैया लाल सेठिया
- आज हिमालय बोला / कन्हैया लाल सेठिया
मूल राजस्थानी में लिखी अति लोकप्रिय और चर्चित कविताएं
- पातल’र पीथल / कन्हैया लाल सेठिया
- धरती धोरां री ! / कन्हैया लाल सेठिया
- जलम भोम / कन्हैया लाल सेठिया
- धर कूंचा धर मजळाँ / कन्हैया लाल सेठिया
- हळदीघाटी! / कन्हैया लाल सेठिया
राजस्थानी से अनूदित कविताएं