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"चाँद / राजेन्द्र जोशी" के अवतरणों में अंतर

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04:00, 28 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण

मंहगाई
किसको है दुलारी
कौन बढ़ाता है मंहगाई ?
क्या धन के लोभी
बढ़ाते है मंहगाई
तो फिर क्या चाँद भी
मंहगा होगा
क्योकि अब चाँद पर भी
धनवानों की
नजर जो चली गई
अब मॉंेग बढ़ रही है
हर किसी को चाहिए
चाँद का टुकड़ा
चाँद की चॉंदनी