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"क्या चाहिए / प्रमोद कौंसवाल" के अवतरणों में अंतर

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इन हाथों को खंगाल लो
 
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ले जाने के लिए यहाँ से कुछ नहीं
 
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पिछली दफ़ा बारिश अच्छी नहीं हुई थी
 
पिछली दफ़ा बारिश अच्छी नहीं हुई थी
 
 
उगे थे जो कुकुरमुत्ते
 
उगे थे जो कुकुरमुत्ते
 
 
मुरझा गए खड़े होने से पहले
 
मुरझा गए खड़े होने से पहले
 
 
हम लोग जैसा तुम देख रहे हो
 
हम लोग जैसा तुम देख रहे हो
 
 
बड़े ही लिजलिजे-से रह रहे हैं
 
बड़े ही लिजलिजे-से रह रहे हैं
 
 
घरों से निकलते तो बाहर रोज़-ब-रोज़
 
घरों से निकलते तो बाहर रोज़-ब-रोज़
 
 
फ़िसलन बिछी मिलती है
 
फ़िसलन बिछी मिलती है
 
 
हम बचते हुए निकलते हैं
 
हम बचते हुए निकलते हैं
 
 
तुमको बचना सिखा सकते हैं हम
 
तुमको बचना सिखा सकते हैं हम
 
 
इस सबसे और उन अत्याचारियों से भी
 
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लड़ने नहीं जिनसे सिर्फ़ बचने की नौबत है
 
लड़ने नहीं जिनसे सिर्फ़ बचने की नौबत है
 
  
 
इस पूरे काम में हम तुम्हारे साथ
 
इस पूरे काम में हम तुम्हारे साथ
 
 
सोचने में भी मदद करते तो अच्छा  
 
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कि अत्याचार को ही ख़त्म कर डालेंगे
 
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तुम्हे आग से ख़त्म करने के लिए
 
तुम्हे आग से ख़त्म करने के लिए
 
 
पानी होना सिखा रहे हैं
 
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फ़िलहाल इतना ही
 
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ले जाओ इसे।
 
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09:31, 25 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण

इन हाथों को खंगाल लो
ले जाने के लिए यहाँ से कुछ नहीं
पिछली दफ़ा बारिश अच्छी नहीं हुई थी
उगे थे जो कुकुरमुत्ते
मुरझा गए खड़े होने से पहले
हम लोग जैसा तुम देख रहे हो
बड़े ही लिजलिजे-से रह रहे हैं
घरों से निकलते तो बाहर रोज़-ब-रोज़
फ़िसलन बिछी मिलती है
हम बचते हुए निकलते हैं
तुमको बचना सिखा सकते हैं हम
इस सबसे और उन अत्याचारियों से भी
लड़ने नहीं जिनसे सिर्फ़ बचने की नौबत है

इस पूरे काम में हम तुम्हारे साथ
सोचने में भी मदद करते तो अच्छा
कि अत्याचार को ही ख़त्म कर डालेंगे
तुम्हे आग से ख़त्म करने के लिए
पानी होना सिखा रहे हैं
फ़िलहाल इतना ही
ले जाओ इसे।