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"उजाला ही उजाला / वेणु गोपाल" के अवतरणों में अंतर

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उजाला ही उजाला
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आ गया था ऐसा वक्त  
 
आ गया था ऐसा वक्त  

00:12, 18 सितम्बर 2007 के समय का अवतरण

आ गया था ऐसा वक्त

कि भूमिगत होना पड़ा

अंधेरे को


नहीं मिली

कोई

सुरक्षित जगह

उजाले से ज्यादा।


छिप गया वह

उजाले में कुछ यूं

कि शक तक नहीं

हो सकता किसी को

कि अंधेरा छिपा है

उजाले में।


जबकि

फिलहाल

चारों ओर

उजाला ही उजाला है!