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"क्लासिक की तरह / अमिता प्रजापति" के अवतरणों में अंतर

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हाँ, इसमें कुछ ऎसा है जो
 
हाँ, इसमें कुछ ऎसा है जो
 
इसे क्लासिक बनाता है
 
इसे क्लासिक बनाता है
इसकी पंक्तियों में उतरना तो है
+
kya hai yah sab. sab bakwas hai
इक बार
+
फिर भी क्या है
+
 
घर में ही तो है
 
घर में ही तो है
 
अभी तो दुनिया देखनी है
 
अभी तो दुनिया देखनी है
 
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20:06, 9 दिसम्बर 2011 का अवतरण

वह अपने घर के
बुकशेल्फ़ में
एक क्लासिक की तरह रखी है
जिसे पढ़ना ज़रूरी नहीं
क्योंकि कहानी क्या है... हम सब जानते हैं...
जिसकी धूल क़िताबों के साथ
जब तब साफ़ कर दी जाती है...
हाँ, इसमें कुछ ऎसा है जो
इसे क्लासिक बनाता है
kya hai yah sab. sab bakwas hai
घर में ही तो है
अभी तो दुनिया देखनी है