भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"रसखान" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
पंक्ति 16: | पंक्ति 16: | ||
* '''[[प्रेमवाटिका / रसखान]]''' (दोहा-गुटका) | * '''[[प्रेमवाटिका / रसखान]]''' (दोहा-गुटका) | ||
* '''[[सुजान रसखान / रसखान]]''' (कविता-संग्रह) | * '''[[सुजान रसखान / रसखान]]''' (कविता-संग्रह) | ||
+ | {{भक्तिकालीन रचनाकार}} | ||
<sort order="asc" class="ul"> | <sort order="asc" class="ul"> | ||
* [[मानुस हौं तो वही / रसखान]] | * [[मानुस हौं तो वही / रसखान]] | ||
पंक्ति 40: | पंक्ति 41: | ||
* [[खेलत फाग सुहाग भरी / रसखान]] | * [[खेलत फाग सुहाग भरी / रसखान]] | ||
</sort> | </sort> | ||
− |
11:04, 3 मार्च 2012 का अवतरण
रसखान
www.kavitakosh.org/raskhan
www.kavitakosh.org/raskhan
क्या आपके पास चित्र उपलब्ध है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
जन्म | 1541 अनुमानित |
---|---|
निधन | 1603 अनुमानित |
उपनाम | रसखान |
जन्म स्थान | दिल्ली |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
-- | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
रसखान / परिचय | |
कविता कोश पता | |
www.kavitakosh.org/raskhan |
- मंगलाचरण/ रसखान
- प्रेमवाटिका / रसखान (दोहा-गुटका)
- सुजान रसखान / रसखान (कविता-संग्रह)
भक्तिकालीन रचनाकार | ||
ज्ञानाश्रयी शाखा | कबीर • रैदास • मलूकदास • दादू दयाल • गुरु नानकदेव • सुंदरदास • धनी धरमदास | |
प्रेमाश्रयी शाखा | कुतबन • मंझन • मलिक मोहम्मद जायसी • उसमान • शेख नबी • कासिमशाह • नूर मुहम्मद | |
रामाश्रयी शाखा | तुलसीदास • अग्रदास • प्राणचंद चौहान • हृदयराम | |
कृष्णाश्रयी शाखा | वल्लभाचार्य • अष्टछाप ( सूरदास • कुम्भनदास • परमानंददास • कृष्णदास • छीतस्वामी • गोविन्दस्वामी • चतुर्भुजदास • नंददास ) • हितहरिवंश • गदाधर भट्ट • मीराबाई • हरिदास • सूरदास मदनमोहन • श्रीभट्ट • हरिराम व्यास • रसखान • ध्रुवदास |
|
अन्य कवि | छीहल • लालचदास • कृपाराम • नरहरि बंदीजन • नरोत्तमदास • आलम • टोडरमल • बीरबल • गँग • मनोहर कवि • बलभद्र मिश्र • जमाल • केशवदास • होलराय • रहीम • कादिर • मुबारक • बनारसीदास • सेनापति • पुहकर कवि • सुँदर • लाल कवि | |
<sort order="asc" class="ul">
- मानुस हौं तो वही / रसखान
- या लकुटी अरु कामरिया / रसखान
- सेस गनेस महेस दिनेस / रसखान
- धूरि भरे अति सोहत स्याम जू / रसखान
- कानन दै अँगुरी रहिहौं / रसखान
- मोरपखा मुरली बनमाल / रसखान
- कर कानन कुंडल मोरपखा / रसखान
- मोरपखा सिर ऊपर राखिहौं / रसखान
- गावैं गुनी गनिका गन्धर्व / रसखान
- संकर से सुर जाहिं जपैं / रसखान
- प्रान वही जु रहैं रिझि वापर / रसखान
- रसखान के दोहे / रसखान
- आवत है वन ते मनमोहन / रसखान
- जा दिनतें निरख्यौ नँद-नंदन / रसखान
- बैन वही उनकौ गुन गाइ / रसखान
- सोहत है चँदवा सिर मोर को / रसखान
- कान्ह भये बस बाँसुरी के / रसखान
- नैन लख्यो जब कुंजन तैं / रसखान
- फागुन लाग्यौ सखि जब तें / रसखान
- मोहन हो-हो, हो-हो होरी / रसखान
- गोरी बाल थोरी वैस, लाल पै गुलाल मूठि / रसखान
- खेलत फाग सुहाग भरी / रसखान
</sort>