==इस विधा का काब्य अनुशासन==
इस जापानी विधा को हिन्दी काब्य जगत के अनुशासन से परिचित कराते हुये डॉ0 [[जगदीश ब्योमव्योम]] ने बताया है:-
हाइकु सत्रह (17) अक्षर में लिखी जाने वाली सबसे छोटी कविता है। इसमें तीन पंक्तियाँ रहती हैं। प्रथम पंक्ति में 5 अक्षर दूसरी में 7 अक्षर और तीसरी में 5 अक्षर रहते हैं। संयुक्त अक्षर को एक अक्षर गिना जाता है, जैसे (सुगन्ध) शब्द में तीन अक्षर हैं-(सु-1, ग-1, न्ध्-1)। तीनों वाक्य अलग-अलग होने चाहिए। अर्थात् एक ही वाक्य को 5,7,5 के क्रम में तोड़कर नहीं लिखना है। बल्कि तीन पूर्ण पंक्तियाँ हों।
==शोध् कार्य ==
मूलतः इस जापानी साहित्य की विधा हाइकू पर श्री [[करुणेश भट्ट]] ने लखनऊ विश्वविद्यालय में शोध् कार्य भी किया है।
हिन्दी में हाइकु को गम्भीरता के साथ लेने वालों और हाइकुकारों की सूची में- प्रोफेसर [[सत्यभूषण वर्मा]] , [[गोपालदास "नीरज"]],[[शिव बहादुर सिंह भदौरिया]] , [[कमलेश भट्ट 'कमल' ]], [[अंजली देवधर]] [[पूर्णिमा वर्मन ]], डॉ० [[भगवत शरण अग्रवाल]] ,[[सत्यभूषण वर्मा]],प्रो० [[आदित्य प्रताप सिंह]] , डॉ० [[जगदीश व्योम]] यथा डॉ० [[रामनारायण पटेल ‘राम]]’[[अशोक कुमार शुक्ला]] [[रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' ]] , [[कृष्ण शलभ]] , [[सुधा गुप्ता]] , [[कुँअर बेचैन]] आदि नाम प्रमुख नाम है।
==अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाइकू==
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन्टेरनेट के माध्यम से हाइकू लिखने वालों में डॉ0 [[भावना कुँअर]], [[प्रदीप मैथानी]], सिंगापुर , -डॉ0 [[सुदर्शन प्रियदर्शिनी]], यू.एस.ए. , [[सारिका सक्सेना]], यू.एस.ए. , [[जैनन प्रसाद]], फिजी , [[शकुन्तला तलवार]], यू.एस.ए. , प्रो० [[अश्विन गाँधी]], अमेरिका , [[हरिहर झा]], आस्ट्रेलिया , [[अनूप भार्गव]], यू.एस.ए. , डॉ० [[पूर्णिमा वर्मन]], संयुक्त अरब अमीरात , आदि नाम प्रमुख नाम है।