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"उसका खाता / अवनीश सिंह चौहान" के अवतरणों में अंतर
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फटे बांस में | फटे बांस में | ||
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चलता था उसका खाता | चलता था उसका खाता | ||
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इसे डराए | इसे डराए | ||
उसे सताए | उसे सताए | ||
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किससे कितना | किससे कितना | ||
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बाहुबली था | बाहुबली था | ||
राजनीति में- | राजनीति में- | ||
− | पाँव जमाकर | + | पाँव जमाकर छोड़ी छाप |
बना सरगना | बना सरगना | ||
अपने दल का | अपने दल का | ||
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राम नाम सत | राम नाम सत | ||
आया जल्दी | आया जल्दी | ||
− | माटी उसका था खाता | + | माटी उसका था खाता |
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20:57, 18 मार्च 2012 के समय का अवतरण
फटे बांस में
पैर अड़ा कर
चलता था उसका खाता
भार बना
धरती का घूमे
जैसे कोई था हथियार
इसे डराए
उसे सताए
बनता सबका तारनहार
किससे कितना
लाभ कमाना
उसका इतना था नाता
हुक्का-पानी
बंद उसी का
जिसने भी ना मानी बात
करे फ़जीहत
मग में उसकी
दिखा-दिखा अपनी औकात
घड़ा पाप का
भरा हुआ था
फिर क्यों, किसको वह भाता
बाहुबली था
राजनीति में-
पाँव जमाकर छोड़ी छाप
बना सरगना
अपने दल का
वैर बढ़ाकर अपने आप
राम नाम सत
आया जल्दी
माटी उसका था खाता