भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"एक शे’र / अमजद हैदराबादी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|रचनाकार= अमजद हैदराबादी | |रचनाकार= अमजद हैदराबादी | ||
}} | }} | ||
− | + | [[Category: शेर]] | |
<poem> | <poem> | ||
किस शान से ‘मैं’ कहता हूँ, अल्लाह रे मैं। | किस शान से ‘मैं’ कहता हूँ, अल्लाह रे मैं। | ||
समझा नहीं ‘मैं’ को आज तक वाह रे मैं॥ | समझा नहीं ‘मैं’ को आज तक वाह रे मैं॥ | ||
</Poem> | </Poem> |
21:11, 22 मार्च 2012 के समय का अवतरण
किस शान से ‘मैं’ कहता हूँ, अल्लाह रे मैं।
समझा नहीं ‘मैं’ को आज तक वाह रे मैं॥