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"अकेला तू भी / वीरेन डंगवाल" के अवतरणों में अंतर
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::धरती मिट्टी का ढेर नहीं है अबे गधे | ::धरती मिट्टी का ढेर नहीं है अबे गधे | ||
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::दाना पानी देती है वह कल्याणी है | ::दाना पानी देती है वह कल्याणी है | ||
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::गुटरू-गूँ कबूतरों की, नारियल का जल | ::गुटरू-गूँ कबूतरों की, नारियल का जल | ||
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::पहिए की गति, कपास के हृदय का पानी है | ::पहिए की गति, कपास के हृदय का पानी है | ||
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तू यही सोचना शुरू करे तो बात बने | तू यही सोचना शुरू करे तो बात बने | ||
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पीड़ा की कठिन अर्गला को तोड़ें कैसे ! | पीड़ा की कठिन अर्गला को तोड़ें कैसे ! | ||
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17:15, 11 अप्रैल 2012 के समय का अवतरण
तू अभी अकेला है जो बात न ये समझे
हैं लोग करोड़ों इसी देश में तुझ जैसे
धरती मिट्टी का ढेर नहीं है अबे गधे
दाना पानी देती है वह कल्याणी है
गुटरू-गूँ कबूतरों की, नारियल का जल
पहिए की गति, कपास के हृदय का पानी है
तू यही सोचना शुरू करे तो बात बने
पीड़ा की कठिन अर्गला को तोड़ें कैसे !