भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"नीरांजना / सुधा गुप्ता" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुधा गुप्ता |संग्रह=सात छेद वाली ...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
|||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
|संग्रह=सात छेद वाली मैं / सुधा गुप्ता | |संग्रह=सात छेद वाली मैं / सुधा गुप्ता | ||
}} | }} | ||
− | [[Category: | + | [[Category: ताँका]] |
<poem> | <poem> | ||
09:47, 10 मई 2012 का अवतरण
नीराजना
हे माँ शारदे!
तू मुझको तार दे
तेरी देहरी
आऊँ भाव-हार ले
वर बार-बार दे
माँ! तेरे द्वार
एक यही गुहार
तेरी बालिका
लिये शब्द-मालिका
तू उन्हें सँवार दे।
कई वर्ण के
खिले औ’ अधखिले
फूल जो मिले
जैसे-जैसे गूँथे हैं
माँ! उन्हें स्वीकार ले!
आँखों के दीप
साँसों का नेह लिये
प्राणों की बाती
बनी है नीराजना
अर्चना साकार, ले!