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− | तनी हुई मुट्ठी | + | तनी हुई मुट्ठी लिए |
वे बढ़ रहे है, | वे बढ़ रहे है, | ||
क्षितिज के उस पार, | क्षितिज के उस पार, | ||
बगावत की | बगावत की | ||
− | तयशुदा परिभाषा के | + | तयशुदा परिभाषा के साथ । |
− | + | अँधेरे और उजाले, | |
सच और झूठ, | सच और झूठ, | ||
भविष्य और वर्तमान, | भविष्य और वर्तमान, | ||
सपने और हकीकत के बीच, | सपने और हकीकत के बीच, | ||
− | स्पष्ट भेद करते | + | स्पष्ट भेद करते हुए । |
जीवन और मृत्यु, | जीवन और मृत्यु, | ||
प्रेम और जुदाई, | प्रेम और जुदाई, | ||
− | के बीच का विकल्प तलाशते | + | के बीच का विकल्प तलाशते हुए । |
− | जीने की उत्कट तलब | + | जीने की उत्कट तलब लिए |
− | + | ख़ामोशी की बुनी हुई पैरहन ओढ़े | |
− | शब्दों के सुगबुगाते अंगारे | + | शब्दों के सुगबुगाते अंगारे लिए । |
− | + | आख़िरी इमारत के ध्वस्त होने से पहले, | |
− | लड़ाई के प्रबल | + | लड़ाई के प्रबल दाँव-पेंच लिए, |
वे तमाम अवरोधों से टक्कर लें | वे तमाम अवरोधों से टक्कर लें | ||
तनी मुट्ठी के साथ | तनी मुट्ठी के साथ | ||
− | उतर | + | उतर आएँगे वे |
यकीनन | यकीनन | ||
− | सड़क के बीचों बीच | + | सड़क के बीचों-बीच |
− | सूर्यास्त से ठीक | + | सूर्यास्त से ठीक पहले । |
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17:12, 1 जून 2012 के समय का अवतरण
तनी हुई मुट्ठी लिए
वे बढ़ रहे है,
क्षितिज के उस पार,
बगावत की
तयशुदा परिभाषा के साथ ।
अँधेरे और उजाले,
सच और झूठ,
भविष्य और वर्तमान,
सपने और हकीकत के बीच,
स्पष्ट भेद करते हुए ।
जीवन और मृत्यु,
प्रेम और जुदाई,
के बीच का विकल्प तलाशते हुए ।
जीने की उत्कट तलब लिए
ख़ामोशी की बुनी हुई पैरहन ओढ़े
शब्दों के सुगबुगाते अंगारे लिए ।
आख़िरी इमारत के ध्वस्त होने से पहले,
लड़ाई के प्रबल दाँव-पेंच लिए,
वे तमाम अवरोधों से टक्कर लें
तनी मुट्ठी के साथ
उतर आएँगे वे
यकीनन
सड़क के बीचों-बीच
सूर्यास्त से ठीक पहले ।