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"प्रश्न अमूर्त / गीत चतुर्वेदी" के अवतरणों में अंतर
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− | या सन 47 में बँट गई ज़मीन के उस पार से आती | + | या सन 47 में बँट गई ज़मीन के उस पार से आती ठसाठस कोई ट्रेन |
− | ठसाठस कोई ट्रेन | + | |
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सबसे बड़ा छल इतिहास के साथ हुआ | सबसे बड़ा छल इतिहास के साथ हुआ | ||
इतिहास के नाम पर इतिहास के खिलाफ़ | इतिहास के नाम पर इतिहास के खिलाफ़ | ||
− | याददाश्त बढ़ाने की दवा बहुत बन | + | याददाश्त बढ़ाने की दवा बहुत बन गईं |
− | कोई | + | कोई ऐसी दवा बनाओ जिससे भूल जाया जाए सब |
− | + | ||
− | उस | + | उस प्रोटॉन की मज़बूरी समझो |
जो चाहे जितनी बगावत कर ले | जो चाहे जितनी बगावत कर ले | ||
− | रहना उसे | + | रहना उसे इलेक्ट्रॉन के दायरे में ही है |
निरन्तर भटकन की अभिशप्त गति से | निरन्तर भटकन की अभिशप्त गति से | ||
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अपने ही पानी में डूब गया | अपने ही पानी में डूब गया | ||
कोई बदबख़्त समुद्र | कोई बदबख़्त समुद्र | ||
− | + | ||
एक दिन जब मर चुकी होगी मेरी भाषा | एक दिन जब मर चुकी होगी मेरी भाषा | ||
किस भाषा में पढ़ोगे तुम मेरी भाषा का मर्सिया | किस भाषा में पढ़ोगे तुम मेरी भाषा का मर्सिया | ||
− | इसकी तस्वीर पर | + | इसकी तस्वीर पर टँगे फूल को कहोगे |
− | किस भाषा में कौन सा फूल? | + | किस भाषा में कौन-सा फूल? |
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21:58, 28 जुलाई 2012 के समय का अवतरण
शकरपारे की लम्बी डली को छाँपे चिपकी चीटियाँ हैं
या सन 47 में बँट गई ज़मीन के उस पार से आती ठसाठस कोई ट्रेन
सबसे बड़ा छल इतिहास के साथ हुआ
इतिहास के नाम पर इतिहास के खिलाफ़
याददाश्त बढ़ाने की दवा बहुत बन गईं
कोई ऐसी दवा बनाओ जिससे भूल जाया जाए सब
उस प्रोटॉन की मज़बूरी समझो
जो चाहे जितनी बगावत कर ले
रहना उसे इलेक्ट्रॉन के दायरे में ही है
निरन्तर भटकन की अभिशप्त गति से
अपने ही पानी में डूब गया
कोई बदबख़्त समुद्र
एक दिन जब मर चुकी होगी मेरी भाषा
किस भाषा में पढ़ोगे तुम मेरी भाषा का मर्सिया
इसकी तस्वीर पर टँगे फूल को कहोगे
किस भाषा में कौन-सा फूल?