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16:18, 10 अगस्त 2012 के समय का अवतरण
अमराई महक उठी
हिय की गहराई में
पहचानें लहक उठीं!
तितली के पंख खुले
यादों के देवल के
उढ़के दो द्वार खुले
नयी दिल्ली, जून, 1980