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"चंदबरदाई" के अवतरणों में अंतर
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+ | [[चित्र:Chandbardai.jpg|thumb|right|चंदबरदाई]]'''जन्म''' - संवत 1205 तदनुसार 1148 ईस्वी में।<ref>‘हिंदी साहित्यकार चित्रावली’, प्रकाशक एवं मुद्रक: हिंदी बुक सेंटर, नई दिल्ली</ref> | ||
+ | चंदबरदाई को हिंदी का पहला कवि और उनकी रचना [[पृथ्वीराज रासो]] को हिंदी की पहली रचना होने का सम्मान प्राप्त है। पृथ्वीराज रासो हिंदी का सबसे बड़ा काव्य-ग्रंथ है। इसमें 10,000 से अधिक छंद हैं और तत्कालीन प्रचलित 6 भाषाओं का प्रयोग किया गया है। इस ग्रंथ में उत्तर भारतीय क्षत्रिय समाज व उनकी परंपराओं के विषय में विस्तृत जानकारी मिलती है, इस कारण ऐतिहासिक दृष्टि से भी इसका बहुत महत्व है। | ||
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+ | वे भारत के अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान तृतीय के मित्र तथा राजकवि थे। पृथ्वीराज ने 1165 से 1192 तक अजमेर व दिल्ली पर राज किया। यही चंदबरदाई का रचनाकाल था। | ||
== चंद बरदाई की रचनाएँ == | == चंद बरदाई की रचनाएँ == | ||
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|जाति=-- भट्ट ब्राह्मण, जगति गोत्र | |जाति=-- भट्ट ब्राह्मण, जगति गोत्र | ||
− | |जन्म=-- 30 सितम्बर, | + | |जन्म=-- 30 सितम्बर, 1149संवत 1205 तदनुसार 1148 ईस्वी में।<ref>‘हिंदी साहित्यकार चित्रावली’, प्रकाशक एवं मुद्रक: हिंदी बुक सेंटर, नई दिल्ली</ref> |
|जन्मस्थान=-- लाहौर (लवपुर), पाकिस्तान | |जन्मस्थान=-- लाहौर (लवपुर), पाकिस्तान | ||
|मृत्यु=-- संवत 1249 तदनुसार 1191 ईस्वी में। 1192 ( अन्धा करके [[मुहम्मद गोरी]] ने जेलमें डाल दिया, बाद में उन्होने मु.गोरी को [[पृथ्वीराज चौहान]] की सहायता से मरवा कर भाग निकले, व दोनों ने एक दूसरे को खंजर से मार कर मृत्यु को गले लगाया। | |मृत्यु=-- संवत 1249 तदनुसार 1191 ईस्वी में। 1192 ( अन्धा करके [[मुहम्मद गोरी]] ने जेलमें डाल दिया, बाद में उन्होने मु.गोरी को [[पृथ्वीराज चौहान]] की सहायता से मरवा कर भाग निकले, व दोनों ने एक दूसरे को खंजर से मार कर मृत्यु को गले लगाया। | ||
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*[[पृथ्वीराज रासो / चंद बरदाई]] | *[[पृथ्वीराज रासो / चंद बरदाई]] | ||
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+ | *[[हिन्दी कवि]] | ||
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10:18, 22 नवम्बर 2007 का अवतरण
जन्म - संवत 1205 तदनुसार 1148 ईस्वी में।<ref>‘हिंदी साहित्यकार चित्रावली’, प्रकाशक एवं मुद्रक: हिंदी बुक सेंटर, नई दिल्ली</ref>चंदबरदाई को हिंदी का पहला कवि और उनकी रचना पृथ्वीराज रासो को हिंदी की पहली रचना होने का सम्मान प्राप्त है। पृथ्वीराज रासो हिंदी का सबसे बड़ा काव्य-ग्रंथ है। इसमें 10,000 से अधिक छंद हैं और तत्कालीन प्रचलित 6 भाषाओं का प्रयोग किया गया है। इस ग्रंथ में उत्तर भारतीय क्षत्रिय समाज व उनकी परंपराओं के विषय में विस्तृत जानकारी मिलती है, इस कारण ऐतिहासिक दृष्टि से भी इसका बहुत महत्व है।
वे भारत के अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान तृतीय के मित्र तथा राजकवि थे। पृथ्वीराज ने 1165 से 1192 तक अजमेर व दिल्ली पर राज किया। यही चंदबरदाई का रचनाकाल था।
चंद बरदाई की रचनाएँ
चंद बरदाई
जन्म | |
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निधन | |
उपनाम | |
जन्म स्थान | |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
--पृथ्वीराज रासो - दो भागों में नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित। | |
विविध | |
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जीवन परिचय | |
चंद बरदाई / परिचय |