"त्रिपुरारि कुमार शर्मा / परिचय" के अवतरणों में अंतर
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− | + | 1988, एरौत (बिहार) में जन्मे त्रिपुरारि कुमार शर्मा एक कवि, लेखक, संपादक और अनुवादक हैं। इन्होंने शिक्षा, रचनात्मक लेखन और पत्रकारिता के क्षेत्र में सफलतापूर्वक कार्य किया है। ये दिल्ली विश्वविद्यालय, इंडियन अकादेमी ऑफ़ ड्रामैटिक आर्ट्स, दैनिक जागरण, स्वाभिमान टाइम्स, हमवतन, अल्पेसो प्रोडक्शंस (फ्रांस) और नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया सहित कई संस्थानों के साथ काम कर चुके हैं। इन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी में ग्रेजुएशन और जीजेयूएसटी, हिसार से मास कम्युनिकेशन में एम.ए. किया है। फिलहाल, हिंदी फ़िल्मी गीतों पर शोध कर रहे हैं। | |
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− | + | ‘नींद की नदी’ पहला कविता-संग्रह है। ‘स्मृति में साथ’ नरेंद्र मोहन पर केंद्रित संस्मरण-संग्रह में एक लेख शामिल है। उर्दू नज़्मों का मजमूआ और कहानी की किताब प्रकाशनाधीन है। इन्होंने मर्लिन मुनरो, जेन ऑस्टेन, जेनिफर रीसर, केनेथ पैटचेन, स्टीवन वान नेस्ट, नागार्जुन, हरिमोहन झा, आरसी प्रसाद सिंह और राजकमल चौधरी की रचनाओं का हिंदी अनुवाद किया है। | |
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− | + | त्रिपुरारि 'कहानी140' (ट्विटर कहानी लेखन प्रतियोगिता) के विजेताओं में से एक हैं, जो जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल 2013 के दौरान यात्रा-वेस्टलैंड बुक्स द्वारा आयोजित किया गया था। इन्हें श्री गुरु तेग़ बहादुर खालसा कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी में लगातार दो वर्षों (2007-09) तक बेस्ट ऑल राउंडर स्टूडेंट (हिन्दी) का सम्मान मिला है। इसके अलावा, इंटर-कॉलेज और इंटर-यूनिवर्सिटी स्तर पर दर्जनों पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किया है, जिसमें कविता, वाद-विवाद, शीर्षक, रचनात्मक लेखन आदि शामिल हैं। | |
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− | '' | + | त्रिपुरारि, ‘बीइंगपोएट फाउंडेशन’ के संस्थापक हैं। इस समय यात्रा बुक्स, दिल्ली के साथ कार्यरत हैं। |
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00:09, 10 जून 2013 का अवतरण
1988, एरौत (बिहार) में जन्मे त्रिपुरारि कुमार शर्मा एक कवि, लेखक, संपादक और अनुवादक हैं। इन्होंने शिक्षा, रचनात्मक लेखन और पत्रकारिता के क्षेत्र में सफलतापूर्वक कार्य किया है। ये दिल्ली विश्वविद्यालय, इंडियन अकादेमी ऑफ़ ड्रामैटिक आर्ट्स, दैनिक जागरण, स्वाभिमान टाइम्स, हमवतन, अल्पेसो प्रोडक्शंस (फ्रांस) और नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया सहित कई संस्थानों के साथ काम कर चुके हैं। इन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी में ग्रेजुएशन और जीजेयूएसटी, हिसार से मास कम्युनिकेशन में एम.ए. किया है। फिलहाल, हिंदी फ़िल्मी गीतों पर शोध कर रहे हैं।
‘नींद की नदी’ पहला कविता-संग्रह है। ‘स्मृति में साथ’ नरेंद्र मोहन पर केंद्रित संस्मरण-संग्रह में एक लेख शामिल है। उर्दू नज़्मों का मजमूआ और कहानी की किताब प्रकाशनाधीन है। इन्होंने मर्लिन मुनरो, जेन ऑस्टेन, जेनिफर रीसर, केनेथ पैटचेन, स्टीवन वान नेस्ट, नागार्जुन, हरिमोहन झा, आरसी प्रसाद सिंह और राजकमल चौधरी की रचनाओं का हिंदी अनुवाद किया है।
त्रिपुरारि 'कहानी140' (ट्विटर कहानी लेखन प्रतियोगिता) के विजेताओं में से एक हैं, जो जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल 2013 के दौरान यात्रा-वेस्टलैंड बुक्स द्वारा आयोजित किया गया था। इन्हें श्री गुरु तेग़ बहादुर खालसा कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी में लगातार दो वर्षों (2007-09) तक बेस्ट ऑल राउंडर स्टूडेंट (हिन्दी) का सम्मान मिला है। इसके अलावा, इंटर-कॉलेज और इंटर-यूनिवर्सिटी स्तर पर दर्जनों पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किया है, जिसमें कविता, वाद-विवाद, शीर्षक, रचनात्मक लेखन आदि शामिल हैं।
त्रिपुरारि, ‘बीइंगपोएट फाउंडेशन’ के संस्थापक हैं। इस समय यात्रा बुक्स, दिल्ली के साथ कार्यरत हैं।
संपर्क : +91 9891 3675 94
ई-मेल : tripurariks@gmail.com
वेबसाइट : www.beingpoet.com
www.tripurarikumarsharma.com