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"मौसम की पहली बारिश / देवमणि पांडेय" के अवतरणों में अंतर

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कसक उठी बनकर तनहाई मौसम की पहली बारिश

09:46, 19 जुलाई 2013 का अवतरण


छ्म छम छम दहलीज़ पे आई मौसम की पहली बारिश
गूंज उठी जैसे शहनाई मौसम की पहली बारिश

जब तेरा आंचल लहराया
सारी दुनिया चहक उठी
बूंदों की सरगोशी तो
सोंधी मिट्टी महक उठी

मस्ती बनकर दिल में छाई मौसम की पहली बारिश

रौनक़ तुझसे बाज़ारों में
चहल पहल है गलियों में
फूलों में मुस्कान है तुझसे
और तबस्सुम कलियों में

झूम रही तुझसे पुरवाई मौसम की पहली बारिश

पेड़-परिन्दें, सड़कें, राही
गर्मी से बेहाल थे कल
सबके ऊपर मेहरबान हैं
आज घटाएं और बादल

राहत की बौछारें लाई मौसम की पहली बारिश

आंगन के पानी में मिलकर
बच्चे नाव चलाते हैं
छत से पानी टपक रहा है
फिर भी सब मुस्काते हैं

हरी भरी सौग़ातें लाई मौसम की पहली बारिश

सरक गया जब रात का घूंघट
चांद अचानक मुस्काया
उस पल हमदम तेरा चेहरा
याद बहुत हमको आया

कसक उठी बनकर तनहाई मौसम की पहली बारिश