"दोस्ती के आम / रति सक्सेना" के अवतरणों में अंतर
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− | + | कुरूप सुरूप फल | |
− | आम | + | आम का कहना क्या |
− | + | इसकी तुलना सिर्फ एक से हो सकती है | |
− | + | वह है दोस्ती | |
− | + | ||
− | आम | + | दोस्ती भी आम की तरह |
− | + | भरभरा कर चली आती है | |
− | + | मुँह में स्वाद घुलने घुलने तक | |
+ | छूछी गुठली हाथ रह जाती है | ||
− | दोस्ती | + | दोस्ती की गुठली पर |
− | + | मुँह मारते हम | |
− | मुँह | + | कल्पना करते हैं उन दिनों की |
− | + | जब वह रसीली, गुदीली और | |
+ | भरी भरी हुआ करती थी | ||
− | + | कभी कभी दोस्ती | |
− | + | आम की तरह ही | |
− | + | बाहर से लुभाती है | |
− | + | किन्तु | |
− | + | खाँप मुँह में रखते ही | |
− | + | बेस्वाद निकल जाती है | |
− | कभी कभी दोस्ती | + | कभी कभी दोस्ती |
− | आम की तरह ही | + | बाहर से कड़ियल, बदरंग होती है |
− | बाहर से लुभाती है | + | किन्तु हर रेशे में |
− | किन्तु | + | दावत का रंग देती है |
− | खाँप मुँह में रखते ही | + | अक्सर होता है मेरे साथ |
− | बेस्वाद निकल जाती है | + | जब मैं आम को देखती हूँ |
− | कभी कभी दोस्ती | + | दोस्ती याद आती है |
− | बाहर से कड़ियल, बदरंग होती है | + | दोस्ती के चलते |
− | किन्तु हर रेशे में | + | |
− | दावत का रंग देती है | + | |
− | अक्सर होता है मेरे साथ | + | |
− | जब मैं आम को देखती हूँ | + | |
− | दोस्ती याद आती है | + | |
− | दोस्ती के चलते | + | |
आम भुला जाती हूँ | आम भुला जाती हूँ | ||
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17:42, 29 अगस्त 2013 के समय का अवतरण
बाजार भरा है आमों से
ठसाठस भरे ठेले, दूकाने
सड़कों के किनारे के ढ़ेर
आम
कहीं भी हों
लपक कर दौड़ता है मन
खाने को
आम के मौसम में
निराश रहते हैं
तमाम छोटे...मोटे
कुरूप सुरूप फल
आम का कहना क्या
इसकी तुलना सिर्फ एक से हो सकती है
वह है दोस्ती
दोस्ती भी आम की तरह
भरभरा कर चली आती है
मुँह में स्वाद घुलने घुलने तक
छूछी गुठली हाथ रह जाती है
दोस्ती की गुठली पर
मुँह मारते हम
कल्पना करते हैं उन दिनों की
जब वह रसीली, गुदीली और
भरी भरी हुआ करती थी
कभी कभी दोस्ती
आम की तरह ही
बाहर से लुभाती है
किन्तु
खाँप मुँह में रखते ही
बेस्वाद निकल जाती है
कभी कभी दोस्ती
बाहर से कड़ियल, बदरंग होती है
किन्तु हर रेशे में
दावत का रंग देती है
अक्सर होता है मेरे साथ
जब मैं आम को देखती हूँ
दोस्ती याद आती है
दोस्ती के चलते
आम भुला जाती हूँ