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"रसोई की पनाह / रति सक्सेना" के अवतरणों में अंतर
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मेरी हथेली में भिंच | मेरी हथेली में भिंच | ||
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चिपचिपाने लगता है | चिपचिपाने लगता है | ||
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अनजाना बन मंडराने लगता है | अनजाना बन मंडराने लगता है | ||
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मैं भागती हूँ | मैं भागती हूँ | ||
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कट-कट कटती जाती हैं | कट-कट कटती जाती हैं | ||
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लौकी, गाजर, भिंडियाँ | लौकी, गाजर, भिंडियाँ | ||
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बिना किसी शिकायत के | बिना किसी शिकायत के | ||
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फिर चढ़ जाती हैं आग पर | फिर चढ़ जाती हैं आग पर | ||
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मेरी ऐवज | मेरी ऐवज | ||
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मैं फिर से तैयार हो जाती हूँ | मैं फिर से तैयार हो जाती हूँ | ||
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18:33, 29 अगस्त 2013 के समय का अवतरण
जब भी मेरा आसमान
मेरी हथेली में भिंच
चिपचिपाने लगता है
मेरा आसपास
अनजाना बन मंडराने लगता है
मैं भागती हूँ
रसोई की पनाह में
कट-कट कटती जाती हैं
लौकी, गाजर, भिंडियाँ
बिना किसी शिकायत के
फिर चढ़ जाती हैं आग पर
मेरी ऐवज
मैं फिर से तैयार हो जाती हूँ
परोसी जाने के लिए