भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"प्यार:एक छाता / सर्वेश्वरदयाल सक्सेना" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
|रचनाकार = सर्वेश्वरदयाल सक्सेना | |रचनाकार = सर्वेश्वरदयाल सक्सेना | ||
}} | }} | ||
− | + | {{KKCatKavita}} | |
+ | <poem> | ||
विपदाएँ आते ही, | विपदाएँ आते ही, | ||
− | |||
खुलकर तन जाता है | खुलकर तन जाता है | ||
− | |||
हटते ही | हटते ही | ||
− | |||
चुपचाप सिमट ढीला होता है; | चुपचाप सिमट ढीला होता है; | ||
− | |||
वर्षा से बचकर | वर्षा से बचकर | ||
− | |||
कोने में कहीं टिका दो, | कोने में कहीं टिका दो, | ||
− | |||
प्यार एक छाता है | प्यार एक छाता है | ||
− | |||
आश्रय देता है गीला होता है। | आश्रय देता है गीला होता है। | ||
+ | </poem> |
10:11, 24 सितम्बर 2013 के समय का अवतरण
विपदाएँ आते ही,
खुलकर तन जाता है
हटते ही
चुपचाप सिमट ढीला होता है;
वर्षा से बचकर
कोने में कहीं टिका दो,
प्यार एक छाता है
आश्रय देता है गीला होता है।