{{KKShayar}}
====ग़ज़लें====
* [[ दुनिया-ए-मोहब्बत में हम से हर अपना पराया छूट गया / शमीम जयपुरी]]* [[फ़ुर्क़त की भयानक रातों को इस तरह गुज़ारा करता हूँ / शमीम जयपुरी]]* [[जब शिकायत थी कि तूफ़ाँ में सहारा न मिला / शमीम जयपुरी]]* [[जब सुब्ह का मंज़र होता है या चाँदनी-रातें होती हैं / शमीम जयपुरी]]* [[न पूछ कब से ये दम घुट रहा है सीने में / शमीम जयपुरी]]* [[रौशनी लेने चले थे और अंधेरे छा गए / शमीम जयपुरी]]* [[सफ़ीना वो कभी शायान-ए-साहिल हो नहीं सकता / शमीम जयपुरी]]