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"रात / कन्हैया लाल सेठिया" के अवतरणों में अंतर

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07:35, 17 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

हुग्या सागै
दिखाणै वास्तै
रात नै गेलो
अणगिणत तारा,
पण मजल रै बारै में
सगलां रा मता
न्यारा न्यारा,
पजग्यो गतागम में
बापड़ो अंधेरो
सोच‘र आप रो
चनरमा
उतरग्यो मूंडो
भाज छूटया
चोदू रा भीड़ी
देख‘र हूंती
सूरज री उगाली !