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छोड़ दी पतवार / गोपालदास "नीरज"
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17:17, 5 मार्च 2014
आज माँझी ने विवश हो छोड़ दी पतवार।
यत्न कर-
२
कर
थक चुका हूँ
नाव आगे नहीं बढ़्ती-
और सारा बल मिटा है
Sharda suman
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