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4 अप्रैल 1965 में बिहार के गया में जन्मी निवेदिता ने अपने सफर की शुरुआत रंगमंच और छात्र आन्दोलन से की। पटना विश्वविद्यालय से राजनीतिशास्त्र में एम.ए. किया। माँ इन्दु रानी झा, पिता नीतिरंजन झा की पहली सन्तान। पत्रकारिता का लम्बा अनुभव। विभिन्न अखबारों नवभारत टाइम्स, आज, राष्ट्रीय सहारा, नई दुनिया में कई वर्षों तक काम किया। अभी स्वतन्त्र पत्रकार के रूप में दिल्ली, पटना से प्रकाशित होने वाले दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में लेखन का काम जारी। फिलहाल ग्रीन पीस इंडिया में मीडिया कंसलटेंट के रूप में कार्यरत। महिला मुद्दों पर बेहतरीन पत्रकारिता के लिए उन्हें 2010-11 का लाडली मीडिया अवार्ड एवं वन वर्ल्ड अक्षयपात्रा मीडिया अवार्ड 2012 मिला। नेशनल फाउंडेशन ने 1997 में बच्चों की स्थिति पर काम करने के लिए मीडिया फेलोशिप दिया। यूएनएफपीए के तहत विजनरी लीडरशिप फेलोशिप 2004 में मिला। बालिका शोषण की अनकही कहानी - 1999 में बुक फॉर चेन द्वारा प्रकाशित की गयी। केन्या, फिलीपींस, पाकिस्तान, बंगलादेश, नेपाल, भूटान, अरब अमीरात में यात्रा करने के बाद पटना में रह रही हैं।  
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पटना विश्वविद्यालय से राजनीतिशास्त्र में एम.ए. किया। माँ इन्दु रानी झा, पिता नीतिरंजन झा की पहली सन्तान।  
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पत्रकारिता का लम्बा अनुभव। विभिन्न अखबारों नवभारत टाइम्स, आज, राष्ट्रीय सहारा, नई दुनिया में कई वर्षों तक काम किया। अभी स्वतन्त्र पत्रकार के रूप में दिल्ली, पटना से प्रकाशित होने वाले दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में लेखन का काम जारी। फिलहाल ग्रीन पीस इंडिया में मीडिया कंसलटेंट के रूप में कार्यरत। महिला मुद्दों पर बेहतरीन पत्रकारिता के लिए उन्हें 2010-11 का लाडली मीडिया अवार्ड एवं वन वर्ल्ड अक्षयपात्रा मीडिया अवार्ड 2012 मिला। नेशनल फाउंडेशन ने 1997 में बच्चों की स्थिति पर काम करने के लिए मीडिया फेलोशिप दिया। यूएनएफपीए के तहत विजनरी लीडरशिप फेलोशिप 2004 में मिला। बालिका शोषण की अनकही कहानी - 1999 में बुक फॉर चेन द्वारा प्रकाशित की गयी। केन्या, फिलीपींस, पाकिस्तान, बंगलादेश, नेपाल, भूटान, अरब अमीरात में यात्रा करने के बाद पटना में रह रही हैं।</poem>
  
  

22:03, 21 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण

निवेदिता

4 अप्रैल 1965 में बिहार के गया में जन्मी निवेदिता ने अपने सफर की शुरुआत रंगमंच और छात्र आन्दोलन से की।
पटना विश्वविद्यालय से राजनीतिशास्त्र में एम.ए. किया। माँ इन्दु रानी झा, पिता नीतिरंजन झा की पहली सन्तान।
पत्रकारिता का लम्बा अनुभव। विभिन्न अखबारों नवभारत टाइम्स, आज, राष्ट्रीय सहारा, नई दुनिया में कई वर्षों तक काम किया। अभी स्वतन्त्र पत्रकार के रूप में दिल्ली, पटना से प्रकाशित होने वाले दर्जनों पत्र-पत्रिकाओं में लेखन का काम जारी। फिलहाल ग्रीन पीस इंडिया में मीडिया कंसलटेंट के रूप में कार्यरत। महिला मुद्दों पर बेहतरीन पत्रकारिता के लिए उन्हें 2010-11 का लाडली मीडिया अवार्ड एवं वन वर्ल्ड अक्षयपात्रा मीडिया अवार्ड 2012 मिला। नेशनल फाउंडेशन ने 1997 में बच्चों की स्थिति पर काम करने के लिए मीडिया फेलोशिप दिया। यूएनएफपीए के तहत विजनरी लीडरशिप फेलोशिप 2004 में मिला। बालिका शोषण की अनकही कहानी - 1999 में बुक फॉर चेन द्वारा प्रकाशित की गयी। केन्या, फिलीपींस, पाकिस्तान, बंगलादेश, नेपाल, भूटान, अरब अमीरात में यात्रा करने के बाद पटना में रह रही हैं।


जन्म

04 अप्रैल 1965


उपनाम जन्म स्थान पटना,बिहार, भारत कुछ प्रमुख

कृतियाँ

विविध रंगकर्मी,एक्टिविस्ट और पत्रकार।

पुरस्कार

संपादन

अनुवाद

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