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सम्पति सुमेर की कुबेर की जो पावै ताहि / पद्माकर
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13:28, 29 अप्रैल 2014
:::पाय गज धोखे कहूँ काहू देइ डारै ना.
याही डर गिरजा गजानन को गोय रही,
:::
गिरतें गरेतें निज गोद से उतारे ना.
</poem>
Sharda suman
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