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19:08, 29 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण
गुलगुली गिलमैं गलीचा है गुनीजन हैं,
चाँदनी हैं चिक हैं चिरागन की माला है.
कह ‘पदमाकर’ त्यों गजक गिजा हैं सजी,
सेज हैं सुराही हैं सुरा हैं और प्याला हैं.
सिसिर के पला को न व्यापत कसाला तिन्हैं,
जिनके अधीन एते उदित मसाला हैं.
तान तुक ताला हैं, बिनोद के रसाला हैं,
सुबाला हैं दुसाला हैं बिसाला चित्रसाला हैं.